Sunday 16 June 2019

छोटा सा दु:ख!

भीड़ से कही बात
हाथों हाथ उठाई जाती है!
सावधान रहिएगा
ये भीड़ हँकवायी जाती है!!

शब्द-शब्द, अक्षर-अक्षर
निखरा सा परोसना है!
आज कम से कम हमें,
हजार तक पहुँचना है!!

हृदयोद्गार, कम से कम
भीड़ से बात, कम से कम!
सर्वज्ञाता हो, भीड़ से पूछता है
मर्मज्ञ है, पर पैंट में मूतता है!!

जीवन बिताने की,
ये भी एक विधि है!
आलमारियाँ, किताबें
सब जीवन निधि है!!

आज हमें एकदम,
ये बात याद आती है!
बचपन में सुनते थे,
"कढ़ना" ही थाती है!!

पढ़ी लिखी दुलहिन,
दुनिया को चराती है!
गृह विज्ञान की,
कक्षा चलाती है!!

ब्याह हुआ सास जी ने,
दूध उबलवाया था!
सारा दूध बरतन से
बाहर चला आया था!!

सारा ज्ञान दुलहिन का
सौ टका सही था!
पर किसी किताब में
यह वर्णन नहीं था!!

ज्ञान की पुतरिया,
ये काम कर दीजै!
दूध उबल जाए तो,
आँच मद्धम कर लीजै !!

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