मैं एक गाने के बोल बदलना चाहता था, मूल वालों से अग्रिम क्षमा याचना। और हाँ.....हम प्रगतिशील हो रया ऊं!
आइए गाना सुनें...!
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चलो एक बार फिर से, हमबिस्तर हो जाएँ हम दोनों!
मैं क्यों बेगम़ से अब, उम्मीद रखूँ कुछ वफाई का,
लो तुम मेरी तरफ देखो, हवस की भूखी नजरों से!
क्यों मेरे दिल की धड़कन, खार खाए उसके आशिक से,
जब जाहिर हो हमारी ऊह आह का राज बरसों से!!
चलो.....!
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जो बेगम बोझ बन जाए, तो उसको टोकना गन्दा
जो मेरा टेस्ट कर दे चेंज, उसको ढूंढना अच्छा!
वो अफसाना जिसे, अन्जाम तक लाना न था मुमकिन
उसे मी_लोड के आदेश पर, अब ठोंकना🤔अच्छा!!
चलो.....!
🙈🙉🙊
फुटनोट: गाना केवल गुनगुनाने के लिए है......मी_लोड के आदेश का पालन अपने अपने गृह मन्त्रालय की सहमति से करें!
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