Thursday 15 November 2018

परपञ्ची पाश...!

पाश ने कहा था..
सबसे ख़तरनाक होता है,
सपनों का मर जाना!
मैं कहता हूँ
सबसे ख़तरनाक होता है,
किसी को पढ़ जाना!

वो जो कलम घिस कर
ख़ुद की हार-जीत
अपने चुनें हुए शब्दों में
तुम तक पहुंचाता है
तुम्हें पता है?
वो कितना खाता है!

अमराईयों की लहलह
चिड़िया की चहचह
कितनी बार बताता है
तुम्हें यकीं होगा?
वो बहुत बुरा गाता है!

अपनी टिप्पणी में
सभ्यता के पहलू बैठ
लोक लाज और
धर्म समझाता है
तुम जानते हो?
वो कितना गरियाता है!

एक छंद टूटे तो
दूसरा बनाता है
अपनी डफ़ली को
सबसे अलग बताता है!
तुम पूछो तो सही!
लय कहाँ से पाता है?

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