Saturday 1 June 2019

ईद मुबारक

अबे तुम हिस्सेदार कहाँ, सीधे सरकार हो बे!

सँविधान तुम्हारे हेतु ही तो है। आओ हमारी छाती पर चढ़ मूँग दलों। हम उफ तक नहीं करेंगे। हमारी प्राथमिकता सदा से सेक्युलरिज्म है, गजवा-ए-हिन्द तुम्हारी। हमारी क्या औकात कि तुम्हें किराएदार कहें!

तुमने हमसे पाकिस्तान लिया, हमने कुछ कहा? कश्मीर, केरल, बङ्गाल भी ले लो....हम कुछ नहीं कहेंगे। यावद् जीवेत् मानते हैं हम... वसुधैव कुटुम्बकम् भी!

हमारी हम दो हमारे दो स्कीम में तुमने सेंध लगायी... हमने कुछ कहा? हमारे धन्धों पर बैठे... हमने कुछ कहा?

हमारी सँख्या घटती गयी, तुम्हारी बढ़ती गयी... हमने कुछ कहा?

तुम आज सेकेण्ड लार्जेस्ट हो, यह पीर हमें बेहद दुःख देती है। तुम प्रथम नियन्ता हो जाते तो चित्त को शान्ति मिलती। बताओ कितना सुन्दर दृश्य होता नऽ! तुम एक ओर से आवाज देते अल्ला हो अकबर....हम अपने अपने दड़बों में सिमट कर रह जाते! तुम सड़कों पर तकरीरें करते, हम बिलों में घुस जाते! वाह....सोच कर ही रोमाञ्च हो आता है।

तुम अपने प्रयत्नों में जी जान से लगे रहो! हम इस धरा पर अवतरित ही इस हेतु हुए हैं कि विश्व को अपनी कूप मण्डूकता के प्रत्यक्ष दर्शन करा सकें। हमारी चिन्ता स्वयँ परमात्मा करते हैं। हम किसी के आश्रित नहीं!

चले हऽर ना चले कुदारी...बइठल भोजन देलें मुरारी...यह हमारा घोष वाक्य है!

हमें प्रतीक्षा है उस क्षण की जब तुम हमारा नाम-ओ-निशाँ मिटा दो और हम स्वर्ग पहुँचे अपनी सहिष्णु शिक्षाओं के दम पर!

तुम्हें एक जन्म ही तो मिला है अपने अधूरे कार्य सम्पादित करने को? हमें ८४ लाख योनियों में भ्रमण करना है...हम कहीं न कहीं एडजस्ट कर लेंगे। चिन्ता नक्को! आओ गले लगो...ईद मुबारक कह दें! क्या खबर कल जिन्दगी रहे न रहे!

#ईद_मुबारकओवैसीभाई
#अस्लाम_अलैकुम

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