Thursday 25 October 2018

घाव करें गम्भीर....दोहरे!




जोशु_आ के दर पे भैये, दरबदर इन्साफ है,
झूठ बोलना पाप है, नदी किनारे साँप है।

अनु_पमा नारी है, नर हैं बाकी सब रे_पादरी,
सारी दुनिया ठेंगे पर, एक ये ही लल्लनटाप है?

सि_स्टर को बि_स्तर पर लाया, कैसी प्रे_यर करता था?
मू_लक्कल को तनिक टटोलो, क्या सच में ये शफ्फाक़ है?

जोशु_आ तेरे चेलों ने, तेरा ही नाम डुबा डाला,
ये क्या तुझको ऑनर  देंगे, सिस्टम ही खल्लास है।

कपालीश्वर मलाबार है, थॉ_मसी करतूतें हैं,
भूल गए क्या जानी, आपो सब रङ्गे सियार हैं।

*****

No comments:

Post a Comment